ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका के हमले को 'रेड लाइन' पार करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि तेहरान अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा और ये संघर्ष एकतरफा नहीं होगा।
US-Iran: ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका के सैन्य हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करके एक गंभीर रेड लाइन पार की है। अराघची ने यह भी कहा कि वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन से इस मुद्दे पर चर्चा करने मास्को रवाना हो रहे हैं।
अमेरिका के हमले को बताया रेड लाइन पार करना
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने रविवार को इस्तांबुल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान अमेरिका पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करके एक बहुत बड़ी रेड लाइन पार की है। यह न केवल ईरान की संप्रभुता पर हमला है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी सीधा उल्लंघन है।
तेहरान की सुरक्षा को बताया सर्वोच्च प्राथमिकता
अराघची ने स्पष्ट किया कि ईरान अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष अब एकतरफा नहीं रहेगा। तेहरान अब जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है और अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
NPT से हटने पर विचार कर सकता है ईरान
ईरानी विदेश मंत्री ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह संकेत दिए कि ईरान अब परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से हटने का विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि जब NPT ईरान को कोई सुरक्षा नहीं देता और उसके बावजूद परमाणु ठिकानों पर हमला होता है, तो उस पर भरोसा करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस पर अंतिम फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा।
पुतिन से होगी मुलाकात, रणनीति पर चर्चा
अराघची ने बताया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने मास्को रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन से सोमवार को बैठक होगी जिसमें अमेरिका की कार्रवाई और क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर चर्चा की जाएगी। उन्होंने रूस को ईरान का रणनीतिक साझेदार बताया और कहा कि इस परिस्थिति में दोनों देशों का साझा दृष्टिकोण तय किया जाएगा।
'अमेरिका को सिर्फ ताकत की भाषा समझ आती है'
अराघची ने अमेरिका पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि अमेरिका सिर्फ धमकी और ताकत की भाषा समझता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने बार-बार कूटनीति को कमजोर किया है और इस बार का हमला स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वह किसी भी शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास नहीं रखता।