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Vibe Hacking क्या है? कैसे बन रहे हैं आपके इमोशन्स साइबर अटैक का टारगेट

Vibe Hacking क्या है? कैसे बन रहे हैं आपके इमोशन्स साइबर अटैक का टारगेट

डिजिटल दुनिया में अब नया साइबर खतरा Vibe Hacking तेजी से सामने आ रहा है, जो डेटा चोरी के बजाय सीधे यूजर की भावनाओं और सोच को प्रभावित करता है। AI और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए यह तकनीक ऑनलाइन व्यवहार को समझती है और मनोवैज्ञानिक रूप से निर्णय बदलने की कोशिश करती है। विशेषज्ञ इसे भविष्य का सबसे खतरनाक साइबर हथियार मान रहे हैं।

Vibe Hacking Cyber Threat: डिजिटल स्पेस में एक नया साइबर ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है जिसे Vibe Hacking कहा जा रहा है। यह खतरा बैंकिंग सिस्टम या डेटा चोरी नहीं बल्कि यूजर के मूड, भावनाओं और मानसिकता को निशाना बनाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर AI अब क्लिक, लाइक और स्क्रॉल पैटर्न के आधार पर यूजर की मनोस्थिति पढ़कर उसकी राय और फैसलों को प्रभावित कर रहा है। साइबर विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि गलत हाथों में यह तकनीक लोकतांत्रिक सोच और सोशल डिस्कोर्स के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

कैसे काम करता है Vibe Hacking

Vibe Hacking ऑनलाइन क्लिक, स्क्रॉल, लाइक्स, कमेंट्स और देखने की आदतों को ट्रैक करता है। हर इंटरैक्शन एक डेटा पॉइंट बनता है जिसे AI एल्गोरिदम समझकर तय करते हैं कि यूजर इस समय किस मानसिक अवस्था में है। इसके बाद उसे ऐसा कंटेंट दिखाया जाता है जो उसके विचारों और भावनाओं को दिशा दे सके।

टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तकनीक सोशल मीडिया, वीडियो प्लेटफॉर्म्स और न्यूज फीड सिस्टम में सबसे ज्यादा सक्रिय है। पहले जहां एल्गोरिदम सिर्फ पसंद के आधार पर सुझाव देते थे, अब वे मानसिक वाइब को समझकर राय और निर्णय को मोड़ने लगे हैं। इसका इस्तेमाल मार्केटिंग, राजनीतिक प्रचार और विचारधारा फैलाने में भी किया जा रहा है।

क्यों बन रहा है यह खतरा गंभीर

विशेषज्ञों के अनुसार Vibe Hacking भविष्य का सबसे खतरनाक साइबर हथियार बन सकता है। पारंपरिक साइबर अटैक जहां सिस्टम और डेटा को लक्ष्य बनाते हैं, वहीं यह तकनीक इंसानी मन और स्वतंत्र सोच पर चोट करती है। डर यह है कि आने वाले समय में AI मानव भावनाओं को इतनी गहराई से पढ़ लेगा कि व्यक्ति को समझ नहीं आएगा कि उसकी राय वास्तविक है या एल्गोरिदम द्वारा बनाई गई।

हालांकि इसका इस्तेमाल हमेशा नकारात्मक नहीं होता। कंपनियां और क्रिएटर्स इसका उपयोग बेहतर टारगेटिंग और ऑडियंस कनेक्शन के लिए भी करते हैं। लेकिन गलत हाथों में यह हथियार समाज के फैसलों और लोकतांत्रिक सोच को प्रभावित कर सकता है।

कैसे बचें Vibe Hacking से

बचाव का सबसे बड़ा तरीका डिजिटल सतर्कता है। किसी भी कंटेंट को बिना जांच स्वीकार न करें और अपनी ऑनलाइन भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को समझें। यह पहचानना जरूरी है कि हम किसी विषय में सच में रुचि ले रहे हैं या भावनाओं को किसी सिस्टम ने प्रभावित किया है। साइबर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोशल मीडिया पर समय और प्रतिक्रिया दोनों को नियंत्रित रखें और विश्वसनीय सोर्स से जानकारी की पुष्टि करें।

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