उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के भरण-पोषण भत्ते को ₹2000 से बढ़ाकर ₹4000 प्रति माह कर दिया है। यह फैसला 7 अगस्त 2025 से लागू हो गया है। सरकार का उद्देश्य दिव्यांगजनों का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण करना है।
CM Yogi: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। राज्य सरकार ने विशेष विद्यालयों और आश्रय संस्थाओं में निवासरत दिव्यांगजनों को मिलने वाले भरण-पोषण भत्ते को दोगुना कर दिया है। पहले यह राशि ₹2000 प्रतिमाह थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹4000 कर दिया गया है। यह आदेश बुधवार से लागू हो गया है और इसका लाभ हजारों दिव्यांग बच्चों और उनके परिवारों को मिलेगा।
दिव्यांगजनों की गरिमा का सम्मान
प्रदेश सरकार का यह निर्णय केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता और उनके आत्मसम्मान को बनाए रखने की सोच का भी परिचायक है। दिव्यांग कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार दिव्यांगजनों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। यह भत्ता वृद्धि उस दृष्टिकोण का स्पष्ट उदाहरण है जिसमें सरकार समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का प्रयास कर रही है।
सभी जिलों को निर्देश जारी
भत्ते में बढ़ोतरी से जुड़े आदेश को शासन द्वारा विधिवत रूप से जारी कर दिया गया है। प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा द्वारा जारी नए शासनादेश के तहत अब सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों, विशेष विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि लाभार्थियों को समय से बढ़ा हुआ भत्ता प्राप्त हो। पुराने शासनादेश, जो कि 25 अप्रैल 2016 को लागू हुआ था, में संशोधन करते हुए यह नई व्यवस्था लागू की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस राशि का सीधा लाभ उन्हीं दिव्यांगों को मिलेगा जो विशेष विद्यालयों या सरकारी/मान्यता प्राप्त संस्थानों में निवासरत हैं।
आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम
दिव्यांगजनों को केवल सहायता देना ही नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी सरकार का उद्देश्य है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा 6 अगस्त से 13 अगस्त तक एक विशेष दिव्यांगजन रोजगार अभियान शुरू किया गया है। मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि इस अभियान के माध्यम से प्रशिक्षित दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए आईटीआई और अन्य कौशल प्रशिक्षण केंद्रों से शिक्षा प्राप्त दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
खास बात यह है कि इस रोजगार अभियान में उन दिव्यांगजनों को भी शामिल किया जाएगा जो अभी तक किसी प्रशिक्षण से नहीं जुड़े हैं। ऐसे लोग अपने जिले के दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय में जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। यह पहल समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार की दीर्घकालिक सोच
योगी सरकार की यह पहल एक बार फिर यह सिद्ध करती है कि सामाजिक न्याय और समावेशी विकास उसके प्रशासनिक मूल्यों में सबसे ऊपर हैं। दिव्यांगजनों के लिए भत्ता दोगुना करना हो या उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना—ये सभी निर्णय केवल योजनाओं की घोषणा भर नहीं हैं, बल्कि इन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में जहां महंगाई बढ़ रही है, ऐसे समय में भत्ते की यह बढ़ोतरी दिव्यांगजनों और उनके परिवारों को राहत प्रदान करेगी।