राहुल गांधी ने हालिया चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल और आंतरिक सर्वे कुछ और दिखा रहे थे, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलटे आए। मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका जताई।
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्रंप के 50% टैरिफ विवाद की तरह चुनाव नतीजों को लेकर भी तीखा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि एग्जिट-पोल, जनमत सर्वेक्षण और उनका अपना आंतरिक सर्वेक्षण सभी कुछ अलग दिखा रहे थे, लेकिन अंतिम नतीजे अचानक उलट निकल आए। उनका कहना है कि इसमें राष्ट्रीय हित की बजाय हेडलाइन मैनेजमेंट को प्राथमिकता दी गई।
विपक्षी नेताओं की चेतावनी पहले से थी
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल गांधी की आलोचना को पुष्टि देते हुए कहा कि चाहे GST, नोटबंदी या राफेल हो, मोदी सरकार हर मामले में राहुल पर हमला करती रही, लेकिन राहुल की चेतावनी सही साबित हुई। ट्रंप का टैरिफ भी उसी स्याही का हिस्सा है।
वोटर लिस्ट और लोकतंत्र की नींव पर प्रश्न
राहुल गांधी का जोर था कि भारत का लोकतंत्र “एक व्यक्ति, एक वोट” के सिद्धांत पर टिका है। इसलिए मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) की विश्वसनीयता सबसे जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाया— क्या सूची में फर्जी नाम जोड़े गए? क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिली?
महाराष्ट्र चुनाव पर उठे गंभीर आरोप
राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 40 लाख संदिग्ध वोटर पाए गए। विधानसभा से लोकसभा के बीच एक करोड़ नए वोटर जुड़ गए। शाम पाँच बजे से मतदान में अचानक भारी उछाल आया। इस सब पर चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए।
सीसीटीवी फुटेज खोने पर नाराज़गी
राहुल गांधी ने संदेह जताया कि मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज को नष्ट किया जा रहा है। उनका कहना था कि ऐसे हालातों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता कैसे बनी रहेगी?
विपक्षी नेता बीजेपी की सत्ता‑विरोधी लहर से परे
राहुल ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता‑विरोधी भावना हर पार्टी को प्रभावित करती है। लेकिन भाजपा अकेली ऐसी पार्टी है, जो इस लहर से अछूती रही। उन्होंने कथित ‘मीडिया जितना कहा, नतीजा उतना’ के बीच निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए वॉक ऑन सवाल
राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा कि यह चुनाव सिर्फ पार्टियों की जीत-हार का नहीं, बल्कि हमारे संविधान के मूल्यों की रक्षा का भी सवाल है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे पर सवाल पूछें, जवाब मांगें और लोकतंत्र में योगदान दें।