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Jammu-Kashmir: किश्तवाड़ में भूकंप के झटके,  2.7 की तीव्रता, लोग डर से घरों से निकले बाहर

शनिवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया, जो दोपहर 3:14 बजे 5 किलोमीटर गहराई पर महसूस किया गया। भूकंप के कारण लोग घरों से बाहर निकले, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।

Jammu-Kashmir: शनिवार दोपहर जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप दोपहर 3:14 बजे आया और इसकी तीव्रता 2.7 मापी गई। भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ से 5 किलोमीटर नीचे था। इस भूकंप के झटकों के कारण लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए, लेकिन सौभाग्य से किसी भी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

किश्तवाड़ में भूकंप के झटके 

किश्तवाड़ जिले में महसूस किए गए भूकंप के झटके अपेक्षाकृत कम तीव्रता के थे, लेकिन फिर भी यह लोगों के लिए डर का कारण बने। भूकंप की तीव्रता 2.7 थी, और इसका केंद्र 5 किलोमीटर गहराई पर था। हालांकि, इस भूकंप के कारण कोई बड़ी तबाही नहीं हुई, लेकिन लोग डरे हुए थे और जल्दी से अपने घरों से बाहर आ गए।

किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी का अधिकांश हिस्सा भूकंपीय क्षेत्र 5 में आता है, जो कि एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। इसका मतलब है कि यहां भूकंप आने की संभावना हमेशा बनी रहती है, और इस क्षेत्र में भविष्य में भी शक्तिशाली भूकंप आ सकते हैं।

उथले भूकंप क्यों होते हैं अधिक खतरनाक?

उथले भूकंप, जो सतह के करीब होते हैं, गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं। इन भूकंपों में ऊर्जा सीधे पृथ्वी की सतह तक पहुंचती है, जिससे ज्यादा कंपन होता है और यह संरचनाओं को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। जबकि गहरे भूकंप अपनी ऊर्जा खो देते हैं और सतह पर उतना प्रभाव नहीं डालते। किश्तवाड़ में भूकंप की तीव्रता कम थी, लेकिन इसके बावजूद इसने लोगों में दहशत पैदा कर दी।

भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए?

अगर आप किसी भूकंप प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए:

जमीन पर गिरें (Drop): जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हो, तुरंत जमीन पर गिर जाएं ताकि आप संतुलन खोने से बच सकें।

सुरक्षित स्थान पर जाएं: किसी मजबूत टेबल या डेस्क के नीचे छिपने की कोशिश करें। यदि यह संभव न हो, तो अपने सिर और गर्दन को अपनी बाहों से ढकें।

विंडो और दरवाजों से दूर रहें: कांच के टूटने से चोट लग सकती है, इसलिए दरवाजों और खिड़कियों से दूर रहें।

लिफ्ट का इस्तेमाल न करें: अगर आप किसी इमारत से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, क्योंकि भूकंप के बाद लिफ्ट फंस सकती है। सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।

कांच और बाहरी दीवारों से दूर रहें: किसी भी ऐसी वस्तु से दूर रहें जो गिर सकती है, जैसे कि कांच या बाहरी दीवारें।

किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी में भूकंप का खतरा

किश्तवाड़ और कश्मीर घाटी भूकंपीय क्षेत्र 5 में आते हैं, जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्र माने जाते हैं। इस क्षेत्र में लगातार भूकंप आते रहते हैं, और भविष्य में भी शक्तिशाली भूकंप आने की संभावना रहती है। इसलिए यहां के निवासियों को भूकंप सुरक्षा के बारे में जागरूक रहना बहुत जरूरी है।

भूकंप से बचाव के उपाय

भूकंप के दौरान आपकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए घर में भूकंप से बचाव के उपायों को लागू करना चाहिए। जैसे कि:

घर को भूकंप के लिए मजबूत बनाएं: अपने घर की संरचना को भूकंप के झटकों को सहन करने के लिए मजबूत बनाएं।

आपातकालीन किट तैयार रखें: आपात स्थिति में आवश्यक वस्तुएं जैसे पानी, खाना, दवाइयां, टॉर्च आदि रखें।

परिवार को प्रशिक्षित करें: परिवार के सभी सदस्यों को भूकंप से बचाव के बारे में बताएं और उन्हें यह सिखाएं कि भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए।

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