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जय गुजरात नारे पर मचा सियासी घमासान: महाराष्ट्र की अस्मिता पर सवाल, शिवसेना (यूबीटी) ने जताई नाराज़गी

जय गुजरात नारे पर मचा सियासी घमासान: महाराष्ट्र की अस्मिता पर सवाल, शिवसेना (यूबीटी) ने जताई नाराज़गी

एकनाथ शिंदे के 'जय गुजरात' नारे पर महाराष्ट्र में सियासी घमासान छिड़ गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने इसे मराठी अस्मिता पर हमला बताया और कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

Maharashtra: महाराष्ट्र के एक समारोह में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा लगाए गए 'जय गुजरात' के नारे पर शिवसेना (यूबीटी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नेता किशोरी पेडनेकर ने पूछा, क्या अब हमें गुजराती भी सीखनी होगी? यह मुद्दा राजनीतिक बहस में बदल गया है।

कार्यक्रम में उठा नया विवाद

महाराष्ट्र में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जयराज स्पोर्ट्स एंड कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण के अंत में 'जय हिंद, जय महाराष्ट्र, जय गुजरात' का नारा दिया। इस बयान ने राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

शिवसेना (यूबीटी) की तीखी प्रतिक्रिया

शिवसेना (यूबीटी) की नेता किशोरी पेडनेकर ने इस नारे को लेकर एकनाथ शिंदे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर आप बालासाहेब ठाकरे के विचारों का पालन करते हैं तो क्या उन्होंने कभी 'जय गुजरात' कहा था? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या अब महाराष्ट्र में गुजराती भाषा सीखना अनिवार्य हो गया है?

अपने भाषण में एकनाथ शिंदे ने गुजराती समाज की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज लक्ष्मी के पुत्र हैं और आज का दिन उनके लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कार्यशैली की भी जमकर तारीफ की।

मोदी-शाह की जोड़ी की तारीफ

शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हमारे लिए एक जैसे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह कुशल रणनीतिकार हैं और उनकी योजनाओं से देश ने नई दिशा प्राप्त की है।

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि वे, मुख्यमंत्री फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार मिलकर एक टीम की तरह काम कर रहे हैं और महाराष्ट्र को प्रगति की ओर ले जा रहे हैं।

 

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