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सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत: आपराधिक कार्यवाही पर रोक जारी

सावरकर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत: आपराधिक कार्यवाही पर रोक जारी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामले की सुनवाई पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है। यह मामला वर्ष 2022 से जुड़ा है, जब राहुल गांधी ने एक भाषण के दौरान विनायक दामोदर सावरकर पर विवादित टिप्पणी की थी।

नई दिल्ली: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में विनायक दामोदर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले पर रोक को बरकरार रखा है। इस मामले में फिलहाल चार सप्ताह तक कोई कार्यवाही नहीं होगी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की दो-न्यायाधीशों वाली पीठ ने राहुल गांधी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।

यह मामला तब शुरू हुआ था जब राहुल गांधी ने 2022 में एक जनसभा के दौरान सावरकर पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर उत्तर प्रदेश के एक वकील नृपेन्द्र पांडे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि राहुल गांधी की टिप्पणी स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाली है और इससे समाज में विद्वेष फैल सकता है।

क्या कहा यूपी सरकार ने?

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी की याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है। सरकार का कहना है कि अधिवक्ता नृपेन्द्र पांडे द्वारा दर्ज की गई शिकायत सही है और राहुल गांधी का बयान समाज में नफरत और वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से दिया गया था।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?

इससे पहले, 25 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि राहुल गांधी की भाषा "गैर-जिम्मेदाराना" है। अदालत ने कहा था कि स्वतंत्रता सेनानियों का सार्वजनिक मंच पर मजाक नहीं उड़ाया जा सकता और इस तरह की भाषा से समाज में गलत संदेश जाता है। हालांकि, अदालत ने यह भी माना था कि इस वक्त राहुल गांधी के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही को रोका जाना चाहिए, और इसलिए अंतरिम राहत देते हुए मामले पर स्टे (रोक) लगा दी गई थी।

चार सप्ताह की राहत

अब सुप्रीम कोर्ट ने उसी अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए अगली सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी है। इसका मतलब यह है कि इन चार हफ्तों तक राहुल गांधी के खिलाफ यूपी की अदालतों में इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। अदालत ने कहा है कि इस दौरान सभी पक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखें और उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

यह मामला केवल एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ दर्ज कानूनी कार्यवाही नहीं है, बल्कि इसमें भारतीय राजनीति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के सम्मान से जुड़े कई बड़े प्रश्न शामिल हैं। राहुल गांधी, जो कि भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, पहले भी अपने भाषणों और टिप्पणियों के चलते विवादों में रह चुके हैं।

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