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ट्रंप ने किया बड़ा बदलाव: अमेरिका में 'डिपार्टमेंट ऑफ वॉर' मंत्रालय की स्थापना

ट्रंप ने किया बड़ा बदलाव: अमेरिका में 'डिपार्टमेंट ऑफ वॉर' मंत्रालय की स्थापना

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत अमेरिका में एक नया मंत्रालय स्थापित किया गया है, जिसका नाम “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” यानी युद्ध मंत्रालय रखा गया है।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। शुक्रवार को उन्होंने एक बड़े कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर अमेरिका के “Department of Defense” (रक्षा मंत्रालय) का नाम बदलकर “Department of War” (युद्ध मंत्रालय) कर दिया। ट्रंप का दावा है कि यह बदलाव अमेरिका की शक्ति, विजय और सख्त सैन्य नीति का प्रतीक होगा।

डिफेंस नहीं, वार - ट्रंप का स्पष्ट संदेश

ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, “मुझे लगता है कि यह बदलाव एक विजय का संदेश देता है, एक ताकत का संदेश।” उन्होंने “defense” शब्द को “woke” करार देते हुए कहा कि यह समय है कि अमेरिका अपनी सैन्य पहचान को फिर से परिभाषित करे। उनका कहना है कि “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” अमेरिका की सैन्य क्षमता और आक्रामक रणनीति का प्रतीक होगा, जो दुनिया को स्पष्ट संदेश देगा कि अमेरिका किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है।

इस आदेश के बाद रक्षा मंत्रालय का आधिकारिक नाम बदल गया है। पेंटागन की वेबसाइट का पता अब “defense.gov” से बदलकर “war.gov” कर दिया गया है। मंत्रालय की नई स्टेशनरी, लोगो और ऑफिस बोर्ड तैयार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही रक्षा सचिव पीट हेगसेथ को “Secretary of War” कहा जाने लगा है। हेगसेथ ने कहा, अब हम केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपनाएंगे। हमारा लक्ष्य अधिकतम घातकता के साथ कार्य करना है, भले ही यह राजनीतिक रूप से सही न लगे।

कांग्रेस की मंजूरी आवश्यक, फिर भी ट्रंप आश्वस्त

ट्रंप ने कहा कि यह बदलाव जल्द ही कांग्रेस की मंजूरी प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा, हम इसे वैसे ही लागू करेंगे जैसा पहले था। मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस समर्थन करेगी। हालाँकि अमेरिकी संविधान के तहत मंत्रालय का नाम बदलने के लिए कांग्रेस की स्वीकृति आवश्यक है। इस दिशा में ट्रंप समर्थक प्रतिनिधि ग्रेग स्ट्यूब (फ्लोरिडा) और सीनेट में रिक स्कॉट (फ्लोरिडा) तथा माइक ली (उटाह) ने विधेयक पेश किया है।

स्ट्यूब ने कहा, 1789 से द्वितीय विश्व युद्ध तक अमेरिका ने ‘Department of War’ के नाम से युद्ध लड़े। यह उचित होगा कि हम उनकी असाधारण प्रतिबद्धता का सम्मान करें और इस नाम को पुनः स्थापित करें।

ट्रंप प्रशासन ने सैन्य नीति में पहले ही कई बदलाव किए हैं। इनमें LGBTQ+ सैनिकों पर प्रतिबंध, महिलाओं और अल्पसंख्यकों से संबंधित कुछ पहलुओं को हटाना, कन्फेडरेट जनरलों के नाम वाले सैन्य ठिकानों का पुनः नामकरण करना शामिल है। ट्रंप का दावा है कि उनकी कठोर नीतियों के चलते शांति कायम रही। उन्होंने कहा, हमें शांति मिली क्योंकि हम मज़बूत थे।

उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत-पाकिस्तान, रवांडा-कांगो और आर्मीनिया-अज़रबैजान के बीच सुलह कराने में उनकी भूमिका रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध को भी जल्द समाप्त कराना चाहते हैं।

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